ऑस्टियोआर्थराइटिस का दर्द काफी ज्यादा बढ सकता है अगर ध्यान न रख जये तो।घिसी हुइ गादी को दूबारा तो बनाया नहीं जा सकता परंतू उसके पतन की गती को कुछ सावधानियां रखकर धीमा कियां जा सकता है।
निम्मलिखित सावधानियो का ध्यान रख घुटनो के घिसने की गती को कम कियां जा सकता है –
**पालथी लगा कर बैठने से बचें। अपने घुटनों को
90 ° से अधिक ना मोड़ें क्योंकि यह घुटने की गादी को सबसे ज्यादा क्षती पहुचा सकता है।
** लंबी दूरी तक चलने से बचें। कम दूरी के लिये चल सकते है या स्टेटीक साइकिलिंग के लिए जाएं।
** जितना हो सके सीढ़ियां चढ़ने से बचें,
संभव हो तो एस्केलेटर या लिफ्टों का उपयोग करें।
** भारतीय शैली के शौचालयों के उपयोग से बचें, क्योंकि इसके लिए अधिकतम घुटने मोड़ने की आवश्यकता होती है जो वास्तव में आपकी स्थिति को और खराब करती है।
** जब भी ज्यादा वक्त के लिये काम करना रहे ,घुटनों के ब्रेस(घुटनो के मोज़े) का इस्तेमाल करें।
** घुटनो पर अधिक प्रभाव डालने वाले व्यायाम या खेलो से दूर रहें, इससे आपके घुटने को बहुत नुकसान हो सकता है।उसकी जगह अपने दिनचर्या में ऐसे व्यायाम व खेल शामिल करें जिनमें घुटनो पर कम प्रभाव पडता हे।मशपेशियो को मजबूत करने वाली कसरते शामिल करी जा सकती है अपने विशेशज्ञ से सलाह लेने के बाद।
**स्पोर्टस शूज़ का उपयोग करना शुरू करें, यह अन्य जूते के मुकाबले में , घुटनों पर जमीन प्रतिक्रिया बलों को कम करते हैं।
**यदि दर्द बढ़ता है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। अपने आप कोई दवा या दर्द निवारक दवा न लें। आप अपने चिकित्सक द्वारा बताए अनुसार, हीटिंग पैक द्वारा थर्मोथेरेपी के लिए जा सकते हैं।
अगर सारी सावधानियो के बद भी दर्द कुछ समय में वापस आ जाता है,तो अपने आर्थोपेडिक सर्जन से उप्रोक्त समाधान के लिये संपर्क करे,ताकी विलंभ होने की वजह से किसी बड़ी सरजरी से बचा जा सके ताथा पुर्ण घुटाना प्रत्यारोपन के अलावा अन्य आसान उपायों जैसे
जोड़ संरक्षण तकनीके, आंशिक घुटना प्रतयारोपन आदि के बारे मे सोचा जा सके।