पूर्ण कुल्हा प्रत्यारोपण – न्यूनतम इनवेसिव कुल हिप रिप्लेसमेंट

पूर्ण कुल्हा प्रत्यारोपण – न्यूनतम इनवेसिव कुल हिप रिप्लेसमेंट

पूर्ण हिप रिप्लेसमेंट (हिप आर्थ्रोप्लास्टी के रूप में भी जाना जाता है) एक सामान्य आर्थोपेडिक प्रक्रिया है जिसमें एक प्रत्यारोपण या “प्रोस्थेसिस” के साथ कूल्हे के जोड़ को बदल दियां जाता है,जिससे दर्द से राहत मिलती है और गतिशीलता में सुधार होता है ताकि मरीज़ अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकें ।
किसी भी हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के दौरान, क्षतिग्रस्त हड्डी को काट कर प्रोस्थेसीस् से बदल दियां जाता है,इस पूरी प्रक्रियां में कुछ नरम ऊतको को भी विछेदन करना होता है।।
पूर्ण हिप रिप्लेसमेंट के लिए पारंपरिक सर्जिकल दृष्टिकोण से, कुल्हे के जोड़ को देखने और एक्सेस करने के लिए एक एकल, लंबे चीरे का उपयोग कियां जता है। इस दृष्टिकोण के भिन्न एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है, जिसमें एक या दो छोटे चीरों का उपयोग किया जाता है।
छोटे चीरों का उपयोग करने का लक्ष्य दर्द कम कर जल्द रिकवरी करवाना है।।न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी में, एक छोटे सर्जिकल चीरे का उपयोग किया जाता है और कूल्हे के आसपास की कम मांसपेशियों को काटा या अलग किया जाता है। एक पारंपरिक हिप प्रतिस्थापन करने के लिए कूल्हे के किनारे 10- से 12 इंच का चीरा लगाया जाता है,वही न्यूनतम इनवेसिव पूर्ण हिप प्रतिस्थापन को एक या दो छोटे चीरों के साथ किया जा सकता है। जिसमे केवल 2 इंच का चीरा उपयोग कियां जाता है।

न्यूनतम इनवेसिव हिप रिप्लेसमेंट के फायदे:

** छोटे चीरे का उपयोग,याने की कम रक्तस्त्राव।
**जोड के आसपास के उतको ऐवम माशपेशियो का न्युनतम विछेदन।
**जल्द रिकावरी।
**आप्रेशन पश्चात दुसरे दिन से चलना,बाथरूम उपयोग करना आदि शुरू कर दियां जाता है, एवं तीसरे दिन अस्पताल से छुट्टी हो जाती है।

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